Saturday 5 October 2013

अनार के दानो सी हँसी ,

           अपनी बाँसुरी के स्वर ,

        बिना देह की आवाज़ ,  

पीले  नर्गिसों सी शाम

जो कुछ तुमने मुझे दिया है ,

   सब लौटा लो ,

बदले में दे दो

एक सूरज से अगले सूरज का एक दिन !!!

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